Powered By Blogger

Saturday, February 15, 2014

हसनगढ का दरवाजा

किसी समय हसनगढ में ऐसे दो दरवाजे होते थे ! सिर्फ इनके अंदर ही बसावट होती थी | गांव के सिर्फ यही प्रवेश द्वार होते थे जो शाम को बन्द कर दिए जाते थे ! अब सिर्फ एक ही बचा है जिसपर भी किसी का ध्यान नही है ! कुछ समय बाद ये भी दूसरे की तरह खत्म हो जाएगा और  शायद आने वाली कुछ पीढियाँ इसे देख ही ना पाएँ ! इसे देखभाल ,मरम्मत की जरूरत है ! ये गांव का गौरव है इसे गंवाने नहीं देना चाहिये !

No comments:

Post a Comment